श्री कृष्ण स्मृति भाग 47
"अर्जुन को समझाते वक्त क्या पुराण-स्मृतियों ने "प्राब्लम' नहीं दिया?'
वह दूसरी बात है, वह दूसरी बात है। अभी जो मैं कह रहा हूं वह यह कह रहा हूं कि सहज जीवन वाले व्यक्ति की स्मृति नष्ट हो जाएगी। स्मृति पूरी ताजी, पूरी जीवंत मौजूद रहेगी, लेकिन सहज जीवन वाली चेतना प्रतिपल नई होकर उसका उपयोग करेगी, उसकी मालिक होगी। शृंखलाबद्ध जीवन की चेतना में नया व्यक्ति होगा ही नहीं, पिछली स्मृतियां ही नए व्यक्ति को जन्म देती रहेंगी। वह मालिक हो जाएंगी स्मृतियां, और व्यक्ति गुलाम हो जाएगा।
अब आप जो पूछते हैं, क्या पूछते हैं?
ओशो रजनीश
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