श्री कृष्ण स्मृति भाग 60
"जीसस ने क्यों दावा किया?'
जीसस ने दावा नहीं किया। जीसस ने दावा नहीं किया कि मैं क्राइस्ट हूं। जीसस ने तो दावे बहुत दूसरे किए हैं। क्राइस्ट होने का दावा नहीं किया। जीसस के दावे वक्तव्यों में नहीं हैं, व्यक्तित्व में हैं। लोगों ने पहचाना कि यह आदमी क्राइस्ट है। दूसरे लोगों ने घोषणा की कि यह आदमी क्राइस्ट है। जिस आदमी का मैंने नाम लिया, जॉन दि बैपटिस्ट--जीसस के पहले बहुत अदभुत संत हुआ--उसने घोषणा कर रखी थी कि क्राइस्ट आने वाला है। और मैं सिर्फ अगुआ हूं जो पहले खबर देने आया हूं। जिस दिन क्राइस्ट आ जाएगा उस दिन मैं विदा हो जाऊंगा। वह नदी के किनारे, जोर्डन नदी के किनारे, नदी में लोगों को दीक्षा देता था। हजारों लोग उससे दीक्षा लेते थे। जीसस भी उससे दीक्षा लेने गए। जीसस ने संत जॉन से दीक्षा ली। जोर्डन नदी में वे खड़े हुए, गले डूबे पानी में जॉन ने दीक्षा दी और कहा कि अब तुम अपना काम सम्हालो, मैं जाता हूं। इस बात से सारे मुल्क में खबर फैल गई कि क्राइस्ट आ गया और जॉन उसी दिन से फिर नहीं देखा गया कि कहां चला गया। फिर उसका कोई पता नहीं चला। उस दिन से जॉन खो गया।
इससे खबर पूरे मुल्क में फैल गई कि वह जो जॉन चिल्ला-चिल्ला कर गांव-गांव में कहता था कि क्राइस्ट आने वाला है, जिस दिन आ जाएगा उस दिन मेरा काम खत्म हो जाएगा, मैं उसके आने तक रुका हूं, मैं सिर्फ आगे की सड़क साफ कर रहा हूं, "पायलट' का काम कर रहा हूं, वह उसी दिन से नदारद हो गया। जॉन के खो जाने से सारे मुल्क में खबर फैल गई कि क्राइस्ट आ गया। अब लोग जीसस से पूछने लगे कि आप कौन हैं? दावा उन्होंने नहीं किया लेकिन झूठ भी कैसे बोला जा सकता है। दावा उन्होंने नहीं किया। लोग उनसे पूछने लगे कि तुम कौन हो? तो उन्होंने जो वक्तव्य दिए, उन वक्तव्यों में उन्होंने कहा कि मैं वही हूं, जो सदा से है। मैं वही हूं, जो पैगंबर नहीं हुए उसके पहले भी था। अब्राहम के पहले जो मौजूद था, मैं वही हूं। जब लोगों ने पूछा कि तुम कौन हो, तो उन्होंने कहा कि तुम जिसे खोजते हो, मैं वही हूं। मगर इसमें दावा नहीं था कोई। लोगों ने पूछा था, और उत्तर देना जरूरी था।
ओशो रजनीश
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